Punjab News: पंजाब में किसानों का उग्र विरोध, पैडी की खरीद न होने पर मंत्रियों और विधायकों के घरों का घेराव
Punjab News: पंजाब में किसानों की नाराजगी एक बार फिर से सामने आई है। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रहन के सदस्यों ने पैडी की खरीद में हो रही देरी के खिलाफ कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के घरों और कार्यालयों का घेराव किया। इस दौरान, किसानों ने कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक पर बैठकर अपनी आवाज उठाई और कई टोल प्लाजाओं को भी दो दिनों के लिए फ्री कर दिया।
किसानों का आंदोलन
सुलतानपुर लोधी, कपूरथला जिले में किसानों ने सोमनाथ एक्सप्रेस को रोककर रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा, बठिंडा और अमृतसर जैसे जिलों में भी किसानों ने टोल प्लाजा को फ्री कर दिया। संगरूर जिले के सुनाम में कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा और वित्त मंत्री हरपाल चीमा के आवास के सामने किसान बैठे। इसके साथ ही, लहरागागा में कैबिनेट मंत्री बरिंदर गोयल के कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया गया।
सरकार को चेतावनी
मुक्तसर जिले के खुड्डियान गांव में कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियान और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के घरों के बाहर भी किसानों ने धरना दिया। बठिंडा के कई विधायकों के आवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान किसानों ने भाजपा राज्य उपाध्यक्ष अरविंद खन्ना और भाजपा नेता जगदीप सिंह नाकई के घरों के बाहर भी प्रदर्शन किया।
किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो 20 अक्टूबर को लाडोवाल टोल प्लाजा को भी फ्री कर दिया जाएगा।
पुलिस की कार्रवाई
चंडीगढ़ पुलिस ने उन किसानों को घेर लिया, जो मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास का घेराव करने के लिए पहुंचे थे। किसानों ने कई बार किसान भवन से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण कोई भी किसान अपनी बात रखने में सफल नहीं हो सका। इस प्रकार, पुलिस ने किसानों को किसान भवन में ही रोक लिया।
मुख्यमंत्री का समर्थन
शाम को, किसानों ने किसान भवन में ही लगातार धरना देने की घोषणा की। इस बीच, मुख्य सचिव ने किसान नेताओं को शनिवार को मुख्यमंत्री के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पैडी की खरीद, मंडियों से उठान और शेलर्स से चावल के उठान की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के समर्थन में कहा है कि पंजाब के किसान पराली जलाना नहीं चाहते, न ही वे पैडी की खेती करना चाहते हैं, लेकिन वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी उपलब्ध नहीं है। यह स्पष्ट है कि किसान सरकार से एमएसपी की मांग कर रहे हैं ताकि वे अन्य फसलों की खेती कर सकें।
पंजाब में कृषि संकट
पंजाब का किसान लंबे समय से पैडी की खरीद और अन्य फसलों की कीमतों को लेकर परेशान है। किसान अपनी फसलों का उचित मूल्य न मिलने के कारण आत्महत्या करने तक को मजबूर हो रहे हैं। कृषि संकट के इस दौर में, किसानों का आंदोलन केवल पैडी की खरीद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके समग्र जीवन और भविष्य की सुरक्षा का प्रश्न बन चुका है।
किसानों की मांगें
किसानों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
- पैडी की खरीद: किसानों का कहना है कि उनकी पैडी का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्हें सरकार से यह आश्वासन चाहिए कि उनकी फसल को उचित कीमत पर खरीदा जाएगा।
- वैकल्पिक फसलों का समर्थन मूल्य (MSP): किसान चाहते हैं कि सरकार अन्य फसलों की खेती को भी प्रोत्साहित करे और इसके लिए एमएसपी सुनिश्चित करे।
- पराली जलाने के विकल्प: किसानों का कहना है कि उन्हें पराली जलाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सरकार को ऐसे विकल्प प्रदान करने चाहिए जिससे किसान पराली जलाने के लिए मजबूर न हों।
- आर्थिक सहायता: किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए विभिन्न योजनाएं और आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए।